है दर्द दिल मे

है दर्द दिल मे इश्क़ का ऐसा किस तरह बोलकर सुनाएँ हम
लफ्ज़ खामोश हैं बहती हैं आंखें किस तरह नज़र मिलाएं हम
है दर्द दिल में.......

माना तेरे इश्क़ के काबिल नहीं हम प्यारे
तू बता बस तेरी चौखट से कहाँ जाएं हम
है दर्द दिल में.......

दिल भी रोता है आंखें भी रोती हैं मेरी
चिलमनों में किस तरह से अब छिपाएं हम
है दर्द दिल में.......

जिस्म में कैद है रूह किस तरह तड़पती है
इन बेचैनियों से किस तरह आराम पाएं हम
है दर्द दिल में ......

कभी लिखती है तेरा इश्क़ तो कभी अश्क़ मेरे
लिख लिख ही किस्सा ए मोहबत तुझको सुनाएँ हम
है  दर्द दिल मे .....

है दर्द दिल मे इश्क़ का ऐसा किस तरह बोलकर सुनाएँ हम
लफ्ज़ खामोश हैं बहती हैं आंखें किस तरह नज़र मिलाएं हम

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