किशोरी कौन द्वारे जाऊँ
किशोरी !कौन द्वारे जाऊँ।
नाम टेरत रहूँ द्वार तिहारे किशोरी हा हा खाऊँ।।
तुम न सुनो जो अरज लाडली कौन सौं जाय सुनाऊँ।
न जाने कोई विधि बाँवरी मूढा कैसो तोहे रिझाऊँ।।
पतितन की तुम करौ रखवारी तोसौं ही आस लगाऊँ।
पड़ी रहूँ दिन रैन द्वार तिहारे श्यामा नैनन नीर बहाऊँ।।
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