प्यारी कबहुँ सुनिये
प्यारी कबहुँ तो सुनिये देय कान
झूठो साँचो नेह करे बाँवरी राखियो अपनी जान
छांड सुकोमल चरण तिहारे बाँवरी भव भटके नादान
हा हा किशोरी पकरियो कबहुँ देयो सेवा को दान
बाँवरी कबहुँ उच्चरै जिव्हा सौं नाम अमृत समान
राधा राधा नाम अमृत बरसै नाम ही होय प्रान
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