अश्कों की बारिशों

अश्कों की बारिशों में फिर से नहाना है मुझे
हाँ तेरी याद में अब खुद को जलाना है मुझे

सुलगती हैं साँसें क्यों इश्क़ यूँ जलाता है
तू ही तू याद रहे बाक़ी सब भुलाता है
तुझको ही याद रखूँ खुद को भुलाना है मुझे
अश्कों की बारिशों में फिर से नहाना है मुझे
हाँ तेरी याद में अब खुद को जलाना है मुझे

खामोश ही रहना है अब होंठों को सी लेना है
जीना है दर्द में अब मुझे दर्द ही पी लेना है
इश्क़ की आग में खुद को सुलगाना है मुझे
अश्कों की बारिशों में फिर से नहाना है मुझे
हाँ तेरी याद में अब खुद को जलाना है मुझे

ए खुदा मुझको थोड़ी सी तन्हाई दे दो
मौत तो मिलती नहीं लम्बी सी जुदाई दे दो
आहों और सिसकियों को ही अपना बनाना है मुझे
अश्कों की बारिशों में फिर से नहाना है मुझे
हाँ तेरी याद में अब खुद को जलाना है मुझे

अब इस दिल तेरी ही आरज़ू बाक़ी है
छलक रहे पैमाने बस तू ही मेरा साकी है
भर भर जाम ए इश्क़ अब पी जाना है मुझे
अश्कों की बारिशों में फिर से नहाना है मुझे
हाँ तेरी याद में अब खुद को जलाना है मुझे

यूँ फनाह हो जाऊँ मुझको मेरी ख़बर न हो
दर्द भरी लम्बी सी रात  रहे कोई सहर न हो
पार नहीं होना समंदर ए इश्क़ में डूब जाना है मुझे
अश्कों की बारिशों में फिर से नहाना है मुझे
हाँ तेरी याद में अब खुद को जलाना है मुझे

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