मुद्दत से

मुद्दत से टूटा हुआ दिल है मेरा  मुझको बनाने की कोशिश न करो
जल रहे हैं हम जुदाई में अब मुझे याद दिलाने की कोशिश न रो

तेरे होने से ही साहिब इस दिल की महफ़िल आबाद रहेगी
तुझसे पल भी न हो दूरी मेरे लबों पर यही फरियाद रहेगी
आज पहलू में ऐसे रुक जाओ कि फिर जाने की कोशिश न करो
मुद्दत से.......

पल पल इस दिल मे उठती इन हसरतों का बताओ क्या करें
जीने की वजह हो चुका है अब तेरा इश्क़ बताओ क्या करें
तन्हा रहने दो  अब उन गलियों में लौटाने की कोशिश न करो
मुद्दत से........

अब इस दिल को रन्ज ओ गम की स्याही से लिखने दो ज़रा
सुलगता से रहने दो इस इश्क़ की आग को जलने दो ज़रा
मुझको होना है फ़नाह अब  इसको बुझाने की कोशिश न करो
मुद्दत से टूटा हुआ दिल है मेरा तू मुझको बनाने की कोशिश न करो
जल रहे हैं हम जुदाई में अब मुझे याद दिलाने की कोशिश न रो

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