नेह हमारो

ऐसो कैसा होय नेह हमारो
तुम्हरी कृपा करो उजियारो
भजन बिनहुँ दिवा रात बिगारो
आपहुँ नाथा कीजौ सम्भारो
बाँवरी होय मतिहीना भारो
बैठत कियो हरिभजन किनारो

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