एक जाम
लबों से अभी इक जाम उतरा है मगर क्यों होश बाक़ी है
पिला मुझे आज जी भरके इस दिल की प्यास बाक़ी है
अभी मुझमें फिर से क्यों मेरा एहसास लौटा है
अभी मुझे और पीना है इस दिल की प्यास बाक़ी है
तेरी महफ़िल से कोई भी कभी ख़ाली न लौटा है
मदहोश मुझको होना है इस दिल की प्यास बाक़ी है
मुझे यूँ आज गुम करदो कि खुद को भूल जाऊँ मैं
मुझे तुमको ही पीना है इस दिल की प्यास बाक़ी है
तेरी नज़रों के पैमाने ही मुझको भर भर के पीने हैं
लबों से तुमको पीना है इस दिल की प्यास बाक़ी है
मेरी जो प्यास है तुम हो मुझे तेरी ही ख्वाहिश है
तुम मुझ में घुल रहे ऐसे इस दिल की प्यास बाक़ी है
धड़कते हो तुम मुझमें ही मुझे तेरी खुमारी है
पीकर ही बढ़ती जाती है इस दिल की प्यास बाक़ी है
Comments
Post a Comment