श्रीकृष्ण नाम

श्रीकृष्ण नाम

          श्रीकृष्ण नाम कौन ले सकता है ? किसके हृदय को इस नाम से सुख है ? किसके श्रवनपुटों में नाम अमृत का संचार करता है ? चैतन्य अवस्था को प्राप्त जीव ही श्रीकृष्ण नाम मे सुख प्राप्त कर सकता है। चैतन्य वह जीव जो जन्मों की जड़ता के कारण प्रभु से विमुख था परंतु अब श्रीकृष्ण से अपना सम्बन्ध जान चुका है। चैतन्य अर्थात जिसकी चेतना जग चुकी है। जिसे ज्ञात हो चुका है कि श्रीकृष्ण ही मेरे सर्वस्व हैं। चैतन्य वह जिसके जीवन का विश्राम श्रीकृष्ण हैं। कोटि कोटि जन्मों के पश्चात अपना सर्वस्व, अपना अस्तित्त्व श्रीकृष्ण चरणों मे विलीन करने को व्याकुल है। जब जीव की चेतना उधर्वगमन करती है , यह अवस्था है चैतन्य , जहां सब श्रीकृष्ण अनुराग में विलीन हो चुका है।

       महाप्रभु श्रीकृष्णचैतन्य देव युगल स्वरूप होते हुए भी श्रीराधाभाव आस्वादन करते हैं। स्वयम श्रीकृष्ण राधा भाव राधा अंगकान्ति को धारण किये हुए राधा प्रेम का आस्वादन करते हैं। श्रीकृष्ण नाम कौन लेता है स्वयम श्रीराधा। श्रीकृष्ण नाम ही श्रीराधा की प्राणसंजीवनी है। युगल तत्व से अभिन्न होने पर भी श्रीगौरसुन्दर राधा भाव मे अवस्थित हैं तथा अपने प्राण श्रीकृष्ण के प्रेम का आनन्द ले रहे हैं। आनन्द ले भी रहे हैं तथा दे भी रहे हैं , अपितु लुटा ही रहे हैं। श्रीकृष्ण नाम संकीर्तन जन्मों के संचित मल को निवृत कर श्रीकृष्ण प्रेम को प्रदान करने वाला है। महाप्रभु श्रीचैतन्य देव ने श्रीकृष्ण नाम संकीर्तन की कुंजी देकर कलियुग में जीवों को कृष्ण प्रेम की समाप्ति प्रदान की है। ऐसे करुणासागर प्रभु श्रीकृष्णचैतन्य की जय हो । श्रीकृष्ण नाम संकीर्तन की जय हो।

Comments

Popular posts from this blog

भोरी सखी भाव रस

घुंघरू 2

यूँ तो सुकून