मन अंतर की मैल ५०
मन अंतर की मैल न जावै
नाम के साबुन मल मल धोऊं तब दर्पण कहलावै
कृपा करो ऐसी मो पतित अधम के नाम हिय आवै
कीजौ ऐसो कृपा हरि जी नाम स्वासा मिल जावै
बहुत जन्म ते बिसराई हरि एह जन्म न बिरथा जावै
बाँवरी की गति मति नाथ तुम्हीं तुमसों अर्ज़ लगावै
Comments
Post a Comment