तेरी पुकार

तेरी पुकार
आह !!!
रोम रोम में बस गई जैसे
खींच रही मुझे
मुझसे ही
तेरी पुकार

तेरी पुकार
भूला रही है सब मुझे
याद है बस तू
और
तेरी पुकार

तेरी पुकार
मचा रही हलचलें
भीतर उतर कर
बाक़ी है कुछ तो
तेरी पुकार

तेरी पुकार
खेल रही अरमानों से
जो अभी अभी जगे
सुनकर ही
तेरी पुकार

तेरी पुकार
घुल गई मेरी सांसों में
मुझमें ही मचलती
खिल रही
तेरी पुकार

तेरी पुकार
जाने कैसी अजीब सी
लूटती रही मेरा सभी
क्या कहूँ
तेरी पुकार

तेरी पुकार
पुकार नहीं
तुम ही हो
तुम ही हो
बन चले
तेरी पुकार

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