याद तुम्हारी
जिस पल न हो याद तुम्हारी ऐसा कोई पल न हो
ऐसा सम्भव आज भी न हो और ऐसा कल न हो
उतनी साँसे मुझको देना जिनमे नाम तुम्हारा हो
सब जग ने मुँह फेर लिया केवल तुमहीं सहारा हो
आपके बल से रहूँ बली मैं और कोई बल न हो
जिस पल न हो ........
जोई जोई तुमको भावै सो ही मुझे प्यारा हो
डूबेगी न नैया मेरी तुमहीं मेरा किनारा हो
तुमसे दूर करे जो मुझको कोई काम सफल न हो
जिस पल न हो ........
पुष्प बनूँ मैं तेरी थाल का ऐसे अर्पण हो जाऊँ
अपने प्रेम की पूँजी देना मैं न निर्धन हो जाऊँ
सेवा सदन मैं बनूँ तुम्हारा और इच्छा कोई प्रबल न हो
जिस पल न हो याद तुम्हारी ऐसा कोई पल न हो
ऐसा सम्भव आज भी न हो और ऐसा कल न हो
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