आज बहन देय नयन

आली री आज बहन देय नैन
रोये रोये प्राण तजै री बिरहन बोलै अटपट बैन
बिरहन की पीरा कोऊ जाने जो बिरह प्रेम की पावै
आपहुँ अग्न जलै उर अंतर सौई बात बिरह की गावै
आली री प्रीति कौ मार्ग अटपटो बाँवरी रही अकुलाई
नीकी लागै मोय पीर प्रेम की रही अपने पिय सौं पाई

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