सखी री पिया मोरी
सखी री पिया मोरी सुधि न लीन्हीं
नयनन नीर बहाती बिरहन बाँवरी कीन्हीं
कब आवे सखी पिया मोरे भेजी नाई पाती
खावन पीवन की सुधि बिसरी रोवन हिय सुहाती
रोवत रोवत भीगी सखी री मेरी चुनरिया झीनी
सखी री .....
बिरहन हिय की कहो कैसे बताये
आँख गड़ाए बैठी बिरहन जाने पिय कब आये
प्रीति की रीति न जानी बाँवरी पीर प्रेम की लीन्हीं
सखी री .....
आली पीर प्रेम की लागे नीकी
फिरत बौराई बाँवरी कबते दुनिया होई फ़ीकी
स्वासा स्वास पिय पिय टेरत नाम पिय के कीन्हीं
सखी री .......
पीर कटारी हिय लागी दुखे नैन
रिमझिम रिमझिम नैना बरसै कौन सौं कहूँ बैन
पीर प्रेम की पाई बाँवरी मोल चुकाय दीन्हीं
सखी री .....
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