कौन घड़ी नेहा
पिय कौन घड़ी नेहा लगाई
साँची कहूँ पिय तेरी सौंह बिरहन बड़ी अकुलाई
पिय पिय टेरत कछु बतियाँ नाँहिं मुख एकै टेर लगाई
पिय बिन कौन कौ जाय पुकारूँ सब पाछै तज आई
जो नाँहिं निरखूँ पिय मुख तेरौ रहूँ बाँवरी बौराई
हा हा पीर सहत बनै न आली पीर प्रेम की पाई
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