देयो रसिकन कौ सँग

हरिहौं देयो रसिकन कौ सँग
जाके चरण धूरि सिर धरि कै मिलै भक्ति कौ रँग
मिलै भक्ति कौ रँग हरिहौं हिय की पशुता नासै
हिय लगै नाम भजन चटपटी भाजै तिमिर हिय प्रकासै
ऐसो सँग दुर्लभ होय बाँवरी जो हरि कृपा तै पाई
नाम प्रेम रस सेवा लोभ चटपटी रसिकन हिय लुभाई

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