कबहुँ समझै बाँवरी पिय प्यारी

कबहुँ समझै बाँवरी पिय प्यारी
दोऊ रीझ रीझ सुख लेवत बन आय नदिया बिहारी
राधा कृष्ण कौ युगल होय वपु गौर नाम कौ सार
सकल नाम छांड बाँवरी बस गौरा गौर उच्चार
नाम गौरांग भजत हिय श्यामाश्याम दौऊ नाचत
कबहुँ श्याम बन कबहुँ श्यामा हिय कुँजन विराजित

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