योग कर्म जप तप
योग कर्म जप तप और साधन सकल ही युगल हमारे
युगल नाम ही रति मति मेरी हिय युगल चरण पखारे
श्यामाश्याम नाथ अबहुँ मेरो श्यामाश्याम ही मेरो सहारे
श्यामाश्याम रटे मेरी जिव्हा क्षण एकहुँ न नाम बिसारे
कोऊ ज्ञान कर्म नियम न जाने बाँवरी युगल चरण विचारे
युगल चरण की रज होय जाऊँ रसना गाये रात दिवा रे
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