खाली खाली
कभी गुज़रो हमारी बस्ती से सब पड़ा जहां---- खाली खाली
कभी दस्तक हो इस मकान में भी मुद्दत से यहां--- खाली खाली
पर सुकूँ तुम्हें दे सकूँ मैं कभी नहीं कोई समां--- खाली खाली
लौट जाओ अब क्या पाओगे आकर तुम भी यहां--- खाली खाली
नहीं याद कोई पुरानी है बाक़ी क्या देखोगे निशां---- खाली खाली
दस्तक देकर तुम पछताओगे जब पाओगे यहां--- खाली खाली
बस आग लगी है सीने में उठता है धुआँ ---खाली खाली
सोचा लिखूँ कोई फलसफ़ा ए इश्क़ न लफ्ज़ यहां ---खाली खाली
न समझा कभी तेरी हसरत को मेरा दिल ए नादां ---खाली खाली
तुम्हें सदा रही हसरत पीने की मेरा जाम यहाँ --- खाली खाली
खुद को कैसे संभालूं बता यहाँ उठते तूफाँ ---खाली खाली
जैसा भी है सब तेरा हुआ कुछ मेरा कहाँ ---खाली खाली
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