तुझे चाहने वाले

तुझे चाहने वाले बड़े खुशनसीब होते हैं
सच तो है बस वही तेरे करीब होते हैं

काश मुझे हसरत होती कोई तुझसे दिल लगाने की
यहां हसरतों के किस्से भी अजीब होते हैं

काश कभी गिरते दो अश्क़ इन आँखों से कभी
पर मेरे अश्क़ भी तो मेरे रकीब होते हैं

तुझे जी भर कर देखती हैं वही आंखें हैं जिंदा
एक झलक भी जो न देखे बदनसीब होते हैं

यूँ तो दौलत की कमी नहीं है मेरी तिजोरी में
तुझसे गर इश्क़ न हो वो मुझसे गरीब होते हैं

जिससे भी जिक्र किया तेरा मुझसे यूँ है रूठा
दर्द ही दर्द देते हैं जो ऐसे हबीब होते हैं

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