भक्ति पथ कौ मूल
भक्ति पथ कौ मूल है श्रद्धा और विश्वास
बिन श्रद्धा जेई मार्ग चलिवै की छांड देयो आस
पकरि डोर श्रद्धा की विश्वास कौ कीजौ साधन
बात जोय की बनी ह्वै हिय सौं तिनको करौ आराधन
पकरि पकरि कौ पहुँचवे तहँ जहँ नाँहिं अपनो जोर
बाँवरी श्रद्धा राख साँची नाँहिं मार्ग होय में कोऊ थोर
Comments
Post a Comment