निर्मोही सौं प्रीत

हाय प्रीति निर्मोही सौं कीन्हीं
प्रीति किये पीर मिले हिय की काहे सौदा कीन्हीं
सौदा कीन्हीं हिय तुम राखो पीरा देयो मोय सगरी
हा हा करत रहूँ निशिबासर नयनन छलकै गगरी
आह भरूँ हिय भरि भरि नाथा पीर प्रेम की पाई
पीर प्रेम की साँची नाथा बाँवरी अबहुँ पाई

Comments

Popular posts from this blog

भोरी सखी भाव रस

घुंघरू 2

यूँ तो सुकून