हरिहौं जन्म जन्म दुख

हरिहौं !!! जन्म जन्म दुख पाया
भोग पदार्थ नीके लागे बाँवरी हरिनाम न गाया

हरिनाम चित्त रुचि न उपजी
हरि छांड बाँवरी जगति भजी
कौन भाँति भव होय निकासी बाँवरी माया ने भरमाया
हरिहौं !!! जन्म जन्म दुख पाया

हमरौ कोऊ बल नहिं नाथा
आपहुँ पकरौ मोय कीजौ साथा
देख देख करुणा बाँवरी रोवै नाथा करि कृपा अपनाया
हरिहौं !!! जन्म जन्म दुख पाया

कीन्हीं कृपा सद्गुरु धर रूपा
नाम भजन हरि दिया अनूपा
बाँवरी कीजौ चरणन चेरी तुम्हरी कृपा जस गाया
हरिहौं !!! जन्म जन्म दुख पाया

अबके नाथा कर देयो निबेरा
निज चरणन चित्त राखो मेरा
नाम भजन की डोरी राखो नाथा बाँवरी बहुत गमाया
हरिहौं !!! जन्म जन्म दुख पाया
भोग पदार्थ नीके लागे बाँवरी हरिनाम न गाया

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