तेरे इंतज़ार में
तेरे इंतज़ार में यूँ तो रातें खाली कर ली मैंने
तू दूर नहीं है मेरे दिल मे खुद से बातें कर ली मैंने
यूँ बरसे बादल भी पर दिल यह मेरा सूखा ही रहा
अपनी रूह भिगोने को अश्कों की बरसातें कर ली मैंने
लिख भेजूँ तुम्हें पैगाम चंद कागज़ किया दिल अपने को
उठा कलम इश्क़ की हाथों में यादों की दवातें कर ली मैंने
कई बार देखी तस्वीर तेरी तो बात हुई रूह की रूह से
खामोशी से जीना सीख चंद मुलाकातें कर ली मैंने
अब खामोश है दिल की धड़कन मत आवाज़ लगाओ कोई मुझको
खामोशी में जिंदा रहना चंद सौगातें कर ली मैंने
दो बातें की तेरे दिल ने दो बातें कर ली मैंने
जानती हूँ गुजरती है क्या तुम पर है रूह को एहसास मेरी
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