कुछ यूं
[04/05, 00:25] Amita: कुछ ऐसा अजब तेरे इश्क़ का आलम है
लिखने को लफ्ज़ नहीं बस होश गुम है
[04/05, 00:25] Amita: धड़कनों का यह खेल मोहबत जिसका नाम है
बिक चुके बस हाथ तेरे यही मेरा इनाम है
[04/05, 00:25] Amita: अजब सा नशा है मोहबतों में तेरी
जितना तुझे पी लिया उतनी रूह प्यासी हुई
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