दीनन की तुम आस

दीनन की तुम आस लड़ैती
दीनन की तुम आस
कृपा करो स्वामिनी रखलो निज चरणन के पास
दीनन की तुम आस......

साँचो धन तेरा नाम किशोरी नाम तेरे बिन निर्धन
जन्म जन्म बिसराई बाँवरी जगति भरी राखी मन
हा हा करत स्वामिनी अबहुँ कीजौ नहीं निरास
दीनन की तुम आस.......

कौन सौं आस लगाऊँ किशोरी कौन द्वारे जाऊँ
तुम्हरी वस्तु शरण पड़ी तुम्हरी  हा हा करत चिल्लाऊँ
अवगुण न देखो मेरी स्वामिनी यही राखी विश्वास
दीनन की तुम आस......

अपनी सेवा दीजौ किशोरी सब माया मोह हटाओ
दासी की सुन लीजौ अरजा चरणन चेरी बनाओ
मेरो बल न कोई लड़ैती पाऊँ तव चरणन वास
दीनन की तुम आस......

हा हा करत स्वामिनी बाँवरी तुम करुणा की खान
चरणन की रज देयो किशोरी वस्तु अपनी जान
भव सिंधु बौराई बाँवरी कीजौ हिय करुणा प्रकास
दीनन की तुम आस लड़ैती
दीनन की तुम आस.......

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