नित सद्गुरु चरण रज
नित नित सद्गुरु चरण रज लीजै
संत रूप हरि आए धरा पर सेवा को सुख लीजै
गुरु के वचन अटल कर मानिहै संशय कबहुँ न कीजै
सद्गुरु की शरण माँहि रहिये नित्य हरि नाम रस पीजै
जो मार्ग सद्गुरु दिख्लावे सोई मार्ग जाय पैर धरिजै
बाँवरी गुरु चरण सीस नवावै जन्म सुफल करि लीजै
मनमुख को जीवन कोऊ नाँहि जन्म विरथा काहे कीजै
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