कबहुँ कृपा करें स्वामिनी

कबहुँ कृपा करिहौ स्वामिनी मोरी
बाँवरी कोऊ बल न राखै किशोरी न राखै समर्था थोरी
क्या कीजै हाय विकल हिय किशोरी तुम्हरौ चरणन धावै
टेरत नाम दृगन बहै मोरे बाँवरी झूठी साँची बात बनावै
हिय चटपटी दीजौ साँची किशोरी कबहुँ हिय फटै अकुलावै
कबहुँ नाम राधा लगै मीठो बाँवरी सगरै काज भुलावै

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