अधम जन भारी
हरिहौं होऊँ अधम अति भारी
गुरु कृपाल पतित अपनाए न बिगरी दशा बीचारी
परम धन हरिनाम कौ पाया सन्त गुरु हितकारी
जय गुरु जय गौरनिताई रहै बाँवरी चरण रज तिहारी
हरिनाम की पूंजी बाढ़ै निशिदिन गुरुचरण रति पाऊँ
बिरथा जगति न हिय भरमावै जय गुरु गौर निताई गाऊँ
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