श्रीगुरु चरण प्रीति
श्रीगुरु चरण प्रीति बिन हरि प्रीति नाँहिं उर आय
श्रीगुरु चरण सकल निधि देय भव बन्ध छुड़ाय
श्रीगुरु चरण की प्रीति शुद्ध जाके हिय उपजाय
कोटिन कोटि जन्म की भक्ति कौ फल सोई पाय
श्रीगुरु रूप धरि हरि मिलै बाँवरी हिय राखै विश्वास
गुरुचरण सौं प्रीति देय भजन अमोलक स्वासा स्वास
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