हमको भी जलना है

हमको भी जलना है तेरे इश्क़ की आग में
अपना वजूद जलाकर मुस्कुरायेंगे हम

हमको मोहब्बत है इश्क़ के अश्कों से
सुलगते से हुए चंद अश्क़ बहाएंगे हम
हमको भी जलना है.....

रह रह कर हूक सी उठती है दिल में
तुम नहीं तो हाल ए दिल किसको सुनाएंगे हम
हमको भी जलना है.....

सच है कि भा रहा है हमको दर्द यह इश्क़ का
सौगात इश्क़ की अब न लौटाएंगे हम
हमको भी जलना है.....

दर्दों का अब शौक लग गया है हमको
दर्द में भीगकर ही सुकून पाएंगे हम
हमको भी जलना है.....

सच तो यह है दिल बहलता नहीं किसी ख़्याल से
तेरे लिए अश्कों को छिपाकर कर मुस्कुरायेंगे हम
हमको भी जलना है.......

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