न लिख पा रहे

न लिख पा रहे
न सह पा रहे
न खामोश रह सके
न कह पा रहे

न यह दर्द छूट रहा
न छोड़ने की ख्वाहिश
जितना दर्द उतना ही मीठा
सब तेरे इश्क़ की साज़िश

हमने कुबूल कर लिया
यह दर्द ए इश्क़ अब देखो
न कहने की जरूरत ही रही
मेरे दिल मे धड़कन तेरी ही है

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