नाम रस लोभ

हरिहौं देयो नाम रस लोभा
जिव्हा सौं हरिनाम उचारु जीवन की जेई सोभा
बिरथा कीन्हीं स्वास बथेरी हरिनाम लोभ न पाई
बाँवरी मूढ़ा जन्म जन्म लौ रही जगति पाछै धाई
अबहुँ पकरि राखो मेरौ नाथा नाम की डोर बढ़ाओ
हरिनाम बिन जीवन बिरथा नाम की बेलि बढ़ाओ

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