इश्क़ की गलियों में
भूल जाएं वजूद अपना तेरे इश्क़ की गलियों में
यही आँखें देखे सपना तेरे इश्क़ की गलियों में
तेरे इश्क़ की बस्ती साहिब बड़ी दूर बस रही है
बड़ा मुश्किल हुआ चलना तेरे इश्क़ की गलियों में
हमको इल्म नहीं कभी इश्क़ कर सकें हम तुमसे
हुआ मुश्किल बड़ा सम्भलना तेरे इश्क़ की गलियों में
छोटे से कदम मेरे हैं बड़ी दूर है मेरी मंजिल
बचके एक एक कदम धरना तेरे इश्क़ की गलियों में
जाने साँसे क्यों चल रही हैं थोड़ी बेकरारी दे दो
खुद को बेखुद है करना तेरे इश्क़ की गलियों में
बड़ा अज़ीज़ हो चुका है दिल का दर्द यह साहिब
थोड़ा थोड़ा रोज मिलना तेरे इश्क़ की गलियों में
मेरी आँखों मे दे दो साहिब सब अश्क़ अपनी आंखों के
नहीं डूबकर निकलना तेरे इश्क़ की गलियों में
तू ही बस मेरी मंजिल यह फासले मिटा दे
मुझे आगे आगे चलना तेरे इश्क़ की गलियों में
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