बंजर धरती

हरिहौं बाँवरी बन्जर धरती
बिरथा कीन्ही स्वासा स्वासा न हरि कौ नाम सुमिरती
सद्गुरु अतिशय कृपा सौं बीज दियो भक्तिन कौ बोई
जगति दौरे फिरै बाँवरी हरिनाम बेलि की सेवा न होई
सूखत जात नाम बेलि हिय मूढ़े अधमा अबहुँ जाग
शरण कीन्हीं कृपालु गुरुवर कर सन्तन चरणन अनुराग

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