रसिकनी रसीली
रसिकनी रसीली लड़ैती रस सागरी
कृष्ण सुखकारिणी नवल रस गागरी
केलि प्रवीणा नित्य नवल विलास करै
पिय उर राजिनी लड़ैती नव नागरी
रसिकनी.......
निकुंज बिहारिणी लड़ैती रस सारिणी
निरखत पिय चित्त उठत उमाग री
रसिकनी........
नवल रसीले दोऊ भीजत रस वर्षत घन
नाचत थिरकत दोऊ संग धरत पाग री
रसिकनी........
अलियन हिय मोद बढै ज्यों ज्यों नव रंग ढरै
मुदित हर्षित केलि गाय सखी बाँवरी
रसिकनी रसीली लड़ैती रस सागरी
रसिकनी रसीली लड़ैती रस सागरी
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