अश्कों की सौगात
तुमसे हम अब अश्कों की सौगात माँगते हैं
तेरी याद में जो गुज़रे रोकर वही रात माँगते हैं
काश इस दिल में थोड़ा सा भी तुमसे इश्क़ होता
नहीं कर पाए उम्र भर वही जज़बात मांगते हैं
हम तुमसे......
तेरे नाम के बिना मुझे सांस भी न आये
होंठों पर भी बस तेरी ही हर बात माँगते हैं
हम तुमसे.......
कभी थमने ही न पाए मेरी आँखों से यह पानी
भीगती सी सुलगती सी हम बरसात माँगते हैं
हम तुमसे .........
अब हमको आ रहा है दर्दों का थोड़ा ज़ायक़ा
हम तुमसे सब दर्द तेरे भी खैरात मांगते हैं
हम तुमसे ........
पल पल सुलगने का भी हमको शौक़ हो रहा अब
दर्द लिखने अश्कों की स्याही की इक दवात मांगते हैं
तुमसे हम अब अश्कों की सौगात माँगते हैं
तेरी याद में जो गुज़रे रोकर वही रात माँगते हैं
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