रट री रसना

रटना रट री श्रीहरिदास
यहि नाम सौं प्रकटे सकल प्रेम रास
यहि नाम सौं छूटे बाँवरी भव त्रास
यहि नाम हिय करै नित्य प्रेम विलास

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