रसिक धनी

रसिक धनी प्रिया हियमणि सांवल श्रीचित्त चोर
रसीली प्रिया चंदिनी के रसीले पिय चकोर

नित्य नवल केलि करत नित्य नवल रास रचत
बढ़ बढ़ दुहुँ सुखी करत रस देन की लगी होर
रसिक धनी.....

नित्य नवल भामिनी नित्य नवल रसिक चन्द्र
नूतन श्रृंगार करत नवल रस नित्य नवल भोर
रसिक धनी ........

भामिनी रसीली जु के नित्य नव कान्त मदन
प्रिया चरण निरखत ही मुदित हिय रस विभोर
रसिक धनी ........

जाको हिय धन राधा जाकी प्रति स्वास राधा
मांगत नित्य सेवा मोहन अलियन सौं करें निहोर
रसिक धनी........

मोहन को धन राधा राधा को धन मोहन
अलियन को धन नित्य नवल किशोरी किशोर
रसिक धनी प्रिया हियमणि सांवल श्रीचित्त चोर
रसिक धनी .......

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