उनका इंतजार

इंतज़ार में उनके मुद्दत से हम वहीं रहे
आएंगे वो यकीन है ये बात ही दिल कहे
बेचैनी सी पलपल की अब कहो कैसे सहें
जब तलक न दीदार हो नज़र भी प्यासी रहे

इंतज़ार क्या होता है कोई मेरे दिल से पूछे
आंखें ही नहीं मुद्दत से रूह तलक प्यासी है

दिल अब और कहीं न लगे तो दिल का क्या कुसूर है
नाम तेरा ही बस पुकारे तेरे इश्क़ का सुरूर है

तेरे इश्क़ ने ही लफ़्ज़ों से खेलना सिखा दिया
हम लफ़्ज़ों से खेलते हैं और तुम दिलों से खेलते

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