रस भींजत दोऊ

रस भींजत दोऊ रँग रँगीले मची रँगन कौ कीच
प्रेम बेलि बाढ़त नव भाँति नित्य नवल रस नव सींच
उड़त गुलाल अबीर कुमकुम रँगन रँग मच्यो चहुँ ओर
नवल रस भीनी सब अलियन रस भींजे युगल किशोर
हो हो होरी बजत बधाई बाढ़त बहु भाँतिन रँग विलास
श्यामाश्याम प्राण दोऊ मेरे हिय निकुंजन नित्य सुखरास

Comments

Popular posts from this blog

भोरी सखी भाव रस

घुंघरू 2

यूँ तो सुकून