आज नाचत दोऊ

आज नाचत दोऊ रँग रँगीले
प्रेम रँग रँगी नव जोरि दोऊ लागत अति छैल छबीले
ताता थईथई सँग पद राखत ताल मिलाय जोरि विलसै
भर भर रँग उड़ावत दोऊ सखिन सबहि सुख आँखिन निरखै
बलि बलि गावत लेत बलैयां नित्य नवल नव रँग विलास
श्यामाश्याम प्राण दोऊ मोरे हिय निकुंजन करो सुखरास

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