झूठो नेह

झूठो हाय झूठो किया पिय सों नेह

नेह जो होतो साँचो थोरा बिछुरत न रहती देह

जान गई हिय प्रेम कण नाँहिं कोऊ नाय सन्देह

बाँवरी हिय राख्यो पाथर को टूटत नाय जेह

प्रेम पथ छुवत न कण को झूठो प्रेम नाम लेह

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