कौर कौर जूठन

कौर कौर दीजौ जूठन को प्रेम सुधा की आसा
रसिकन चरण विनय करे बाँवरी धाम को दीजौ वासा
युगल चरण को सेवा मिले नित हिय रहे नित प्यासा
ऐसो प्रेम रस हिय उमगावै हिय गावै नित प्रेम की भासा
चरण पखारे नित नित बाँवरी युगल मोहे कीजौ दासा

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