पीर चाह्वे

ऐसो पीर हिय मेरो चाह्वे क्षण क्षण को अकुलाय
पिय पिय टेरत होऊँ बाँवरी पिय नाम ही भाय
पिय बिन खारा सब लागै कबहुँ ऐसो होय सुभाय
पीर प्रेम की बाँवरी उर अंतर ऐसो दियौ जगाय
जितनो चाखै उतनो चाह्वे जो हिय विरह तपाय
बाँवरी चाह्वे पीर अनन्ता विरह नित्य उर माय

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