गौर नाम में रस

गौर नाम मे रस अति भारी पिये होय मतवारा 
गौर गौर गौर भज री बाँवरी गौर ही परम सहारा
गौर कृपा सों नाम हिय आवै मुख सो जाय उच्चारा
गौर शरण पड़ अबहुँ बाँवरी मानुस जन्म बिगारा
गौर नाम ही रतिमति कीजौ नाम गौरचन्द्र उजियारा
प्रेम सिंधु हिय माँहिं उमगावै हो होय गौर को प्यारा

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