विनय सुनो निताई नाथा
विनय सुनो मेरो निताई नाथा हाथ देय मोहै रखावो
माया डाकिनी की नित चाला सों मेरो सम्भार करावो
भव बाधा सों भजन बने न कोऊ हल और दण्ड चलावो
गौर चरण सों नेहा लगे ऐसो तुम अपनी लाज बचावो
गौर प्रेम प्रदाता होवो तुम नेक प्रेम मो हिय उपजावो
गौर चन्द्र को नाम रटे जिव्हा अनवरत ऐसो बनत बनावो
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