काहे न सुनत नन्दलाल
काहे न सुनत नन्दलाल
पुनि पुनि टेरत नाम तेरो मदन मोहन ब्रज बाल
कुञ्ज कुञ्ज खोजत फिरे कित रहयो मुरली टेर
मोहना अबहुँ पीर हरो तुम बिन जीवन अँधेर
कैसो जावे क्षण क्षण रहयो बाँवरी अकुलात
मोहन ब्रजचन्द्र नटवर सुन लीजो हिय की बात
काहे न सुनत नन्दलाल
पुनि पुनि टेरत नाम तेरो मदन मोहन ब्रज बाल
कुञ्ज कुञ्ज खोजत फिरे कित रहयो मुरली टेर
मोहना अबहुँ पीर हरो तुम बिन जीवन अँधेर
कैसो जावे क्षण क्षण रहयो बाँवरी अकुलात
मोहन ब्रजचन्द्र नटवर सुन लीजो हिय की बात
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