क्यों तुमको भा रहा है

क्यों तुमको भा रहा है मुझसे नकाब रखना
मुमकिन नहीं है इश्क़ में कोई हिसाब रखना

मर मर कर जी रहे हैं एक बार देखो प्यारे
आसान नहीं है जीना बिना इक पल तुम्हारे
क्या ये कोई गुनाह है दिल मे तेरा ही ख्वाब रखना
क्यों तुमको .......

क्यों दूर हो तुम मुझसे क्यों दिल ये तरसता है
आँखों से गम का सावन पल पल क्यों बरसता है
मेरे हर सवाल का अब तुम्हीं जवाब रखना
क्यों तुमको .........

नहीं मिलना तो भी कहदो रो रो मर जाएंगे
तेरी चौखट पर पड़े हैं अब वापिस न आएंगे
मेरे दिल मे अपनी याद ही तुम बेहिसाब रखना
क्यों तुमको ........

मेरे अश्कों का हर कतरा अब तुमको ही पुकारे
अब तो दरस दिखादो मर जाएँ न हम प्यारे
इस दिल में अपने इश्क़ की खुली हर किताब रखना
क्यों तुमको भा रहा है मुझसे नकाब रखना
मुमकिन नहीं है इश्क़ में कोई हिसाब रखना

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