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Showing posts from 2021

जगति की धुरी

हरिहौं बनी जगति कौ धूरी कबहुँ उरै पहुँचे ब्रज वीथिन होय कामना पूरी जन्म जन्म रही जगति धूरी कबहुँ सन्तन पग न परी कबहुँ बाँवरी सन्त चरण लग ब्रज वीथिन रहै जूरी हा हा नाथा सन्त चरण रज कीजौ  जन्म जन्म अबेरी नाम देयो अपना या रसना कबहुँ हरिनाम न टेरी

ऐसा झूठ कबहुँ सच होवै

ऐसो झूठ कबहुँ सच होवै झूठ झूठ ही पुकार स्वामिनी कबहुँ बाँवरी रोवै झूठी विनय करो तुम सांची मेरो बल न कोय तुम्हरौ नाम लगै प्राणन मीठौ रसना नाम भिगोय झूठी बाँवरी झूठी विनय करी पर स्वामिनी मेरो साँची झूठो को साँचो कर देय कबहुँ कोऊ बल बुद्धि न जाँची

हे हरि

हे हरि हिय न भजन कौ प्यास जगत दिखावा बन्यौ घनेरो परी माया की फास नाम न निकसै एक क्षण साँचो झूठ जगत कौ रास बाँवरी मूढ़े नींद परी गहरी बिरथा कीन्ही स्वास

चाम सजावै बनी चमारी

चाम सजावै बनी चमारी भूलि भजन कौ सार कौन भाँति भजन सुहावै कौन विधि होवै सुधार गढ़ी जावै नित्य गहरी गहरी भोगन कियौ बिगार हिय पाषाण बाँवरी पाथर परी भोगन कै द्वार

विविध भांति को भोजन

विविध भाँति कौ भोजन पावै यह रसना नाम विहीना नाम भजन कौ स्वाद न पायौ बहु भाँति रस लीन्हा स्वाद जगति कौ झूठो बाँवरी काहे परी जगति कौ फेर स्वास स्वास रही बिरथा कीन्ही बनायो भोग विषय कौ ढेर

जयजय राधेगोविन्दा

जयजय राधेगोविन्दा रासविलासिनी राधिका रसिकशिरोमणि श्याम जयजय राधेगोविन्दा जयजय राधेगोविन्दा मधुरासुवासिनी राधिका मधुरमनोहर श्याम जयजय राधेगोविन्दा जयजय राधेगोविन्दा नवलतरुणी राधिका नवलकिशोर श्याम  जयजय राधेगोविन्दा जयजय राधेगोविन्दा सरसकुमुदिनी राधिका मधुरनीलमणि श्याम जयजय राधेगोविन्दा जयजय राधेगोविन्दा विपिनमहेश्वरी राधिका विपिनरासेश्वर श्याम जयजय राधेगोविन्दा जयजय राधेगोविन्दा चपलकिशोरी राधिका चतुरशिरोमणि श्याम जयजय राधेगोविन्दा जयजय राधेगोविन्दा केलिविलासिनी राधिका कौतुकधारी श्याम जयजय राधेगोविन्दा जयजय राधेगोविन्दा मुग्धामधुरेश्वरी राधिका मधुतृषितभृमर श्याम  जयजय राधेगोविन्दा जयजय राधेगोविन्दा

जयजय राधेगोविन्दा

जयजय राधेगोविन्दा रासविलासिनी राधिका रसिकशिरोमणि श्याम जयजय राधेगोविन्दा जयजय राधेगोविन्दा मधुरासुवासिनी राधिका मधुरमनोहर श्याम जयजय राधेगोविन्दा जयजय राधेगोविन्दा नवलतरुणी राधिका नवलकिशोर श्याम  जयजय राधेगोविन्दा जयजय राधेगोविन्दा सरसकुमुदिनी राधिका मधुरनीलमणि श्याम जयजय राधेगोविन्दा जयजय राधेगोविन्दा विपिनमहेश्वरी राधिका विपिनरासेश्वर श्याम जयजय राधेगोविन्दा जयजय राधेगोविन्दा चपलकिशोरी राधिका चतुरशिरोमणि श्याम जयजय राधेगोविन्दा जयजय राधेगोविन्दा केलिविलासिनी राधिका कौतुकधारी श्याम जयजय राधेगोविन्दा जयजय राधेगोविन्दा मुग्धामधुरेश्वरी राधिका मधुतृषितभृमर श्याम  जयजय राधेगोविन्दा जयजय राधेगोविन्दा

जन्मोत्सव बधाई

श्रीललित सरकार की ललिताई में भीगी ललित रँगाई में रँगी.... ललित मदिरा से भरी..... ललित जोरि की ललित रँगाई को सदा आतुर सदा तृषित... हे रसीली अलि ! हे रँगीली अलि ! हे रससरोवरे ! यूँ ही ललित मदिरा से भरी..... रँगीली झूम से भरी..... रससेवाओं से भरी..... झूमती पुलकती..... नव नव रसमयी केलियों को सँजोती ....श्रृंगारती तुम ..... हे युगल श्रृंगारिणी ! अपने आँचल में युगल श्रृंगार के नव नव पुष्पों को सजाती ... नव नव गूँथन कर रसकलिकाओं को सहेजती तुम....  सदा नव नव सेज विलासों से भरी झूमती रहो.... हे इष्ट अलि ! हे स्वामिनी ! सदा ललित श्रृंगारों की तृषित हो ....तृषित रहना..... नव नव तृषाओं को गूँथती युगल सहचरी....नव नव तृषाओं को जाती  बून्द बून्द बरसाती मेरी अली...  आपके श्रीचरणों में कोटि कोटि नमन वन्दन

भज रे भज श्रीराधा मुरलीधरा

भज रे भज श्रीराधामुरलीधरा भज रे भज श्रीराधामुरलीधरा श्रीराधामुरलीधरा श्रीराधामुरलीधरा निकुँजविलासी मनोहर श्रीराधासर्वेश्वरा श्रीराधासर्वेश्वरा श्रीराधासर्वेश्वरा भज रे भज श्रीराधामुरलीधरा राधावल्लभ राधारमणा नवलब्रजेश्वरा  नवलब्रजेश्वरा नवलब्रजेश्वरा भज रे भज श्रीराधामुरलीधरा मधुरनाम मधुरधाम सकल मधुरेश्वरा मधुरेश्वरा मधुरेश्वरा भज रे भज श्रीराधामुरलीधरा नवकिशोर स्यामवर्ण पीताम्बरधरा पीताम्बरधरा पीताम्बरधरा भज रे भज श्रीराधामुरलीधरा राधाप्रेमोन्मत्त राधाबिहारी राधारासेश्वरा राधारासेश्वरा राधारासेश्वरा भज रे भज श्रीराधामुरलीधरा ललितकुंतल घुँघरकेश राधिकाहियसौरभा राधिकाहियसौरभा राधिकाहियसौरभा भज रे भज श्रीराधामुरलीधरा राधाबिहारी राधाकान्त राधामनोहरा राधामनोहरा राधामनोहरा भज रे भज श्रीराधामुरलीधरा राधानन्द राधाप्राण कामकेलिचातुरा कामकेलिचातुरा कामकेलिचातुरा भज रे भज श्रीराधामुरलीधरा

जयजय ललिते

जयजय श्रीललित उत्सव श्रृंगारिणी जयजय श्रीललित उत्सव विस्तारिणी जयजय श्रीललित केलि संयोजिनी जयजय श्रीललित युगल रसवर्धिनी जयजय श्रीललित कालिन्दी लोभिनी जयजय श्रीललित सेवातुर शोभिनी जयजय श्रीललित केलि प्रकाशिनी जयजय श्रीललित सौंदर्य राशिनी जयजय श्रीललित रत्नावली गूँथनी जयजय श्रीललित सेवारत पुल्किनी जयजय श्रीललित सौरभ विस्तारिणी जयजय श्रीललित रसरंग सारिणी जयजय श्रीललित सेज विलासिनी जयजय श्रीललित रँग हुलासिनी जयजय श्रीललित शरद रागिनी जयजय श्रीललित युगल सुहागिनी जयजय श्रीललित रँग बिहारिणी जयजय श्रीललित कौतुक धारिणी जयजय श्रीललित विलास अनुरागिनी जयजय श्रीललित मदोन्मत्त बिहागिनी जयजय श्रीललित निकुँज सुरभिनी जयजय श्रीललित सेवा प्रफुल्लिनी जयजय श्रीललित रसज्ञा नवभामिनी जयजय श्रीललित श्रीललिते नामिनी जयजय श्रीललित शरद महोत्सवे जयजय श्रीललित ललिते श्रीललित ललिते

हित वृन्दावन ललित वृन्दावन

हित वृन्दावन श्रीललित वृन्दावन हित वृन्दावन श्रीललित वृन्दावन श्यामाश्याम केलिकुञ्जालय नित्य नव रस भरित वृन्दावन हित वृन्दावन श्रीललित वृन्दावन नवल श्रृंगार नवल नव कौतुक नव अनुराग भरित वृन्दावन  हित वृन्दावन श्रीललित वृन्दावन नवल राग नवल नव केलि नव श्रृंगार झरित वृन्दावन हित वृन्दावन श्रीललित वृन्दावन नवल तरुण नव तरुणी बाला नव अलियन मण्डित वृन्दावन हित वृन्दावन श्रीललित वृन्दावन नव मदिरा नवरस नव उमगन नव नव ललितमुदित वृन्दावन हित वृन्दावन श्रीललित वृन्दावन नव ब्यार नवल रस वर्षण नित्य नवल सुरभित वृन्दावन हित वृन्दावन श्रीललित वृन्दावन नव घूँघर नव किंकिणी निनाद नवल नवल झँकृत वृन्दावन हित वृन्दावन श्रीललित वृन्दावन नव शुक सारी नवल नव कोकिल  नवल नव रससरित वृन्दावन हित वृन्दावन श्रीललित वृन्दावन हित वृन्दावन श्रीललित वृन्दावन

जयजय श्रीवृन्दावन धाम

ललितकिशोरी ललितकिशोर जयजय ललित वृन्दावन धाम नवलकिशोरी नवलकिशोर जयजय नवल वृन्दावन धाम रसिककिशोरी रसिककिशोर जयजय रसालय वृन्दावन धाम सुरंगकिशोरी सुरंगकिशोर जयजय  सुरंग वृन्दावन धाम मधुरकिशोरी मधुरकिशोर जयजय मधुरालय वृन्दावन धाम दुल्हिनीकिशोरी दुल्हुकिशोर जयजय रसालय वृन्दावन धाम नित्यकिशोरी नित्यकिशोर जयजय नित्यरस सदन वृन्दावन धाम पुलकितकिशोरी पुलकितकिशोर जयजय पुलकित वृन्दावन धाम सुरभितकिशोरी सुरभितकिशोर जयजय सुरभालय वृन्दावन धाम पुहुपितकिशोरी पुहुपकिशोर जयजय पुहुपित वृन्दावन धाम प्राणकिशोरी प्राणकिशोर जयजय प्राणधन वृन्दावन धाम

जयजय राधावल्लभलाल

जयजय राधावल्लभलाल लालबिहारी ललितबिहारी जयजय राधावल्लभलाल कुंजबिहारी रमणबिहारी जयजय राधावल्लभ लाल रासबिहारी नवलबिहारी जयजय राधावल्लभलाल प्राणबिहारी राधिकाबिहारी जयजय राधावल्लभलाल कौतुकबिहारी केलिबिहारी जयजय राधावल्लभलाल प्रीतमबिहारी श्रृंगारबिहारी जयजय राधावल्लभलाल श्रीकृष्णबिहारी मुकुंदबिहारी जयजय राधावल्लभलाल श्यामबिहारी हरितबिहारी जयजय राधावल्लभलाल वृन्दावनबिहारी दुल्हुबिहारी जयजय राधावल्लभलाल रँगबिहारी तृषितबिहारी जयजय राधावल्लभलाल मधुरबिहारी पूर्णबिहारी जयजय राधावल्लभलाल श्यामबिहारी मुदितबिहारी जयजय राधावल्लभलाल झूलनबिहारी सरसबिहारी जयजय राधावल्लभलाल ललित लड़ैती रसिकिनी

रसीली नागरी मधुरिमा

*रसीलीनागरी मधुरिमा* श्रीकृष्णस्वामिनी राधा ! राधा !! ललितभामिनी राधा ! राधा !! नित्यनवनागरी राधा ! राधा !! वल्लभारससागरी राधा ! राधा !! पीनपयोधरी राधा ! राधा !! कटिकृशोदरी राधा ! राधा !! नित्यरसरंगीली राधा ! राधा !! मृगीछैलछबीली राधा ! राधा !! रंजितपदभामा राधा ! राधा !! नित्यरससुधामा राधा ! राधा !! श्रीकृष्णहियराजिनी राधा ! राधा !! वामअंगसाजिनी राधा ! राधा !! तन्वीकोमलवपुषा राधा ! राधा !! कोककलाविदुशा राधा ! राधा !! नवनिकुंजाधीश्वरी राधा ! राधा !! नवगौरीरासेश्वरी राधा ! राधा !! प्रियतमअंशधरिणी राधा ! राधा !! सकलसुखकरणी राधा ! राधा !! प्रेमरसोन्मादिनी राधा ! राधा !! मृदुबोलनिनादिनी राधा ! राधा !! अमृतरसकोषिणी राधा ! राधा !! प्रियतमउरपोषिणी राधा ! राधा !! नित्यरासविलासिनी राधा ! राधा !! अतिमृदुलहासिनी राधा ! राधा !! मधुभृमरीसेविता राधा ! राधा !! नित्यभृमरपोषिता राधा ! राधा !! नित्यकुँजनिसुषमा राधा ! राधा !! अद्वितीयअनुपमा राधा ! राधा !! नवनिकुँजरसभरणी राधा !राधा !! मधुरेश्वरीमधुसरणी राधा !राधा !! नीलांबरीनवबाला राधा !राधा !! नित्यरसमधुशाला राधा ! राधा !! कर जोरि वन्दन करूँ नित नित करूँ ...

श्रीललिते श्रीललित वृन्दावन

*श्रीललिते श्रीललित वृन्दावन* *श्रीललिते श्रीललित वृन्दावन* *नवल श्रृंगार नित्य नव उत्सव नव नव रस भरित वृन्दावन* *श्रीललिते श्रीललित वृन्दावन* *श्रीललिते श्रीललित वृन्दावन* *नव तरुणी नव तरूण नव केलि नव रसखेल मुदित वृन्दावन* *श्रीललिते श्रीललित वृन्दावन* *श्रीललिते श्रीललित वृन्दावन* *नित्य नव क्रीड़ा नव रस कौतुक नव रँग राग सरित वृन्दावन* *श्रीललिते श्रीललित वृन्दावन* *श्रीललिते श्रीललित वृन्दावन* *नित्य नव झूलन नवल हिंडोर नित्य पावस पुलकित वृन्दावन* *श्रीललिते श्रीललित वृन्दावन* *श्रीललिते श्रीललित वृन्दावन* *नित्य नव झूम नवल रस माधुरी नवल सौरभ सुरभित वृन्दावन*  *श्रीललिते श्रीललित वृन्दावन* *श्रीललिते श्रीललित वृन्दावन* *नित्य नव सौंज नित्य नव केलि युगल हिय श्रीहित वृन्दावन* *श्रीललिते श्रीललित वृन्दावन* *श्रीललिते श्रीललित वृन्दावन* *नित्य नव नागरी नवल नागरी नित्य नवरास चकित वृन्दावन* *श्रीललिते श्रीललित वृन्दावन* *श्रीललिते श्रीललित वृन्दावन* *नित्य नव गान नवल नृत्य माधुरी नवल रसझूम उत्सवित वृन्दावन* *श्रीललिते श्रीललित वृन्दावन* *श्रीललिते श्रीललित वृन्दावन* *नित्य रस भरित नित्य...

श्रीवृन्दावन

श्रीवृन्दावन श्रीवृन्दावन श्रीवृन्दावन श्रीवृन्दावन जो कोई नाम जपे वृन्दावन श्यामाश्याम प्रेम हिय उमगै पावै भैया साँचो धन श्रीवृन्दावन श्रीवृन्दावन श्रीवृन्दावन श्रीवृन्दावन वृन्दावन सकल प्रेम कौ रासि नाम जपत भोग अविद्या विनासी सकल ताप नासै रसभूमि करै सबहि पतितन कौ पावन श्रीवृन्दावन श्रीवृन्दावन श्रीवृन्दावन श्रीवृन्दावन करें खेल नित नागरी नागर वृन्दावन सकल रसन कौ सागर नाम लेत झरै नैना पुलकित होय सकल तन मन श्रीवृन्दावन श्रीवृन्दावन श्रीवृन्दावन श्रीवृन्दावन भज भज रसना विपिन कौ नाम नाम वृन्दाविपिन होय पूर्ण काम सुर मुनि दुर्लभ रसरेणु सीस चढ़ा नित्य कर वन्दन श्रीवृन्दावन श्रीवृन्दावन श्रीवृन्दावन श्रीवृन्दावन वृन्दावन रसिकन कौ धाम गावैं क्षण क्षण श्यामाश्याम नाचै गावैं युगल रिझावैं युगल नाम कौ करैं कीर्तन श्रीवृन्दावन श्रीवृन्दावन श्रीवृन्दावन श्रीवृन्दावन

रमणा रमणा

निधि रमणा विधि रमणा सकल भवौषधि रमणा ज्ञान रमणा विज्ञान रमणा सकलगुणनिधान रमणा जप रमणा तप रमणा मूलप्रेमरसफल रमणा आस रमणा विश्वास रमणा प्रेमलिप्तस्वास रमणा वेद रमणा पुराण रमणा सर्वरसखान रमणा  प्रीत रमणा मीत रमणा सर्वगुणातीत रमणा मङ्गल रमणा शीतल रमणा सर्वभावोज्जवल रमणा

राधारमण

*श्रीकुंजबिहारी श्रीराधारमणा जयजय राधामदनमोहन* *रसिकबिहारी राधिकावल्लभ जयजय राधाप्राणजीवन* *राधिकामाधव राधिकालम्पट जयजय राधिकारवन* *मधुरामाधव मधुराजीवन जयजय वृन्दावनजीवनधन* *रमणबिहारी रमणमोहना जयजय राधाकेलिरमण* *मधुरावल्लभ मधुराप्राण जयजय सुरभितेयौवन* *मधुरानायक मधुरसातुर जयजय मधुराप्राणरमण* *मधुराश्रृंगार मधुररसकोषा जयजय रसिकाजीवन* *केलिपरायण श्रृंगारकौतुकी जयजय नवलरसघन* *राधाबिहारी प्रेमरससागर जयजय श्रृंगारिकेधन*

बिरथा स्वासा

हरिहौं कीन्हीं बिरथा स्वासा । दरस भये न इन नैनन सौं देखत जगत तमासा ।। बिरथा रसना तुव नाम न गाई पावै भोग बहु भाँति । बिरथा कर जो सेवा न कीन्हीं बिरथा सब तन काँति ।। बिरथा जीवन सगरो गोविन्द कौन भाँति लगै तुव काजै । भोग लोभ मद मत्सर शत्रु बाँवरी हिय सब आन बिराजै ।।

जगति चाकी

हरिहौं पिसी हौं जगति चाकी भोग वासना मद मत्सर की ढेरी नाम कबहुँ न चित्त राखी चँचल मन जगति पुनि पुनि धावै , हिय होय मान बड़ाई आशा हरिनाम सौं कोसों दूर बाँवरी पड़ी रहे क्षण क्षण भव पाशा पकरि पकरि अबहुँ चपत लगावो कौन भाँति चित्त नाम गढै हरिनाम रस कबहुँ पिये बाँवरी कबहुँ रसना हरिनाम चढ़ै

भजन बिना जग दुखिया

हरिहौं भजन बिना जग दुखिया बिरथा गमावै स्वासा अमोलक कौन भाँति होय सुखिया हरिनाम ही सुख होय साँचो जो नाहि जाने मति भरमाया जगत की विष्ठा पावै सूकरी कबहुँ हरिनाम स्वाद न पाया हरिहौं देयो निज नाम की भिक्षा जन मैं तेरो अधम अभागा बाँवरी जन्म गमाई बिरथा न अबहुँ चित्त हरि सौं लागा

जयजय राधावल्लभ लाल

जय ललिते जय नवल श्रृंगारिणी जयजय राधावल्लभ लाल जय मद भरणी जय प्रीति सुगन्धिनी जयजय राधावल्लभ लाल जय रसिक प्राणा जय परम रसिकिनी जयजय राधावल्लभ लाल जय वृन्दावन सर नवल कुमुदिनी जयजय राधावल्लभ लाल जय कोक कला निपुणे मनभाविनी जयजय राधावल्लभ लाल जयजय वल्लभ हिय राजिनी जयजय राधावल्लभ लाल

तो कैसे

कभी उतरो मेरे लफ़्ज़ों में बात  कहो दिल की लिखूँ तो कैसे.... जाने क्या हाल दिल की दिल को ही न पता है हाल ए दिल भी दिल से पूछूँ तो कैसे..... कुछ सुलगता सा है भीतर जाने कुछ बहता सा नहीं अब जुबाँ पर आता कहूँ तो कैसे..... सच है कि काबिल ए इश्क़ हम मुद्दत से नहीं थे इस इश्क़ की चाशनी में मिलूँ तो कैसे..... नहीं काबिल इतनी साहिब मैं तुम को दिल मे रखलूँ और खुद तुम्हारे दिल में रहूँ तो कैसे..... ज़रा मुझको तड़प देना इस इश्क़ की कोई सुलगन पत्थर सा हो चुका दिल तड़पूं तो कैसे..... न कोई खुशी है न ही गम रहा कोई बाकी अब जाने यह कैसा मन्जर कुछ कहूँ तो कैसे......

काश

काश बहने देते थोड़े अश्क़ और  इन अश्कों में ही सारा दर्द बह जाता कलम भी उस मोड़ न उठाई हमने चुभता सा नासूर लफ़्ज़ों में रह जाता खामोश भी होने न दिया इस दिल की लगी ने उठते से तूफान को भी यह दिल सह जाता न होते हम यूँ शर्मिंदा अपनी हरकत पे  कुछ तो था जो दरमियाँ हमारे रह जाता

क्यों हम

कितना जलता है यह दिल हमसे पूछो जल जल भी कोयला न हुए क्यों हम ज़िंदा रहने का कोई शौक़ ही बाकी न रहा तिल तिल मरते हुए भी खामोश न हुए क्यों हम खामोशियों का सिलसिला ही भा रहा था हमको लफ्ज़ क्यों मिले आज फिरसे लिखे क्यों हम न बोलो न बोलो इक लफ्ज़ भी भारी है आज हल्की सी हरक़तों से हल्के ही हुए क्यों हम दिलजलों को अब कौन मुँह लगाता है साहिब दिल तो जला ही अबतक न जले क्यों हम मेरे लिखे हुए सब लफ्ज़ भी मिटा देना तुम थोड़ा थोड़ा मिटते फिर भी न मिटे क्यों हम

कसूर मेरी नज़र का

सब कसूर मेरी नज़र का ही.... क्यों  तुम्हें निहारती नहीं क्यों  तुम्हें पुकारती नहीं क्यों  इनकी तलाश कुछ और ही क्यों इनका अंदाज कुछ और ही सब कसूर मेरी नज़र का ही..... क्यों  इन्हें कुछ और लुभा रहा क्यों इन्हें कुछ और बुला रहा क्यों इनमें कुछ और समा रहा क्यों इनका अंदाज़ कुछ और ही सब कसूर मेरी नज़र का ही..... क्यों मुझसे कुछ मेरा छूटता नहीं क्यों हर झूठा रिश्ता टूटता नहीं क्यों इस रूह को तेरी तलब नहीं इनका अंदाज कुछ और ही सब कसूर मेरी नज़र का ही....

भोग विषय

हरिहौं भोग विषय दिन बीते नाम भजन की रीति बिसरी भांड रह गए रीते बिरथा गमाई स्वासा स्वासा दिन जितने भी बीते धिक धिक जीवन ऐसो बाँवरी क्षणहुँ लगी न प्रीते

तेरा ही इश्क़

अश्कों की बरसात रुकती नहीं आज जाने क्यों क्या मेरी आँखों से तेरा ही इश्क़ बहता है मैं तो होकर भी न रही जाने क्यों अब मुझमें मुझमें अब ज़िंदा भी तेरा ही इश्क़ रहता है मेरे दिल में धड़कती यह धड़कनें तुम्हारी ही अपने ही दिल में तुमको धड़कता पाती हूँ हैरान हूँ साहिब तेरा इश्क़ देख देख कर मैं खामोश सी इन बरसातों में भीगती जाती हूँ लफ्ज़ भी खो चुके मेरे कहीं बड़ी मुद्दत से एक अरसे से खामोशी को हमने ओढ़ लिया बस तेरी ही कहानियाँ सुनते सुनाते हुए हमने तेरे इश्क़ से ही बस अपना रिश्ता जोड़ लिया  जाने क्या दबा है इस लंबी सी ख़ामोशी में हमारी जो पिघल पिघल आज आँखों से मेरी बहता है नहीं मुझे अब तलक इश्क़ न हुआ न हुआ तुमसे तेरा ही इश्क़ बस अब रग रग में मेरी बहता है