जन्मोत्सव बधाई

श्रीललित सरकार की ललिताई में भीगी
ललित रँगाई में रँगी....
ललित मदिरा से भरी.....
ललित जोरि की ललित रँगाई को सदा आतुर सदा तृषित...
हे रसीली अलि !
हे रँगीली अलि !
हे रससरोवरे !
यूँ ही ललित मदिरा से भरी.....
रँगीली झूम से भरी.....
रससेवाओं से भरी.....
झूमती पुलकती.....
नव नव रसमयी केलियों को सँजोती ....श्रृंगारती तुम .....
हे युगल श्रृंगारिणी !
अपने आँचल में युगल श्रृंगार के नव नव पुष्पों को सजाती ...
नव नव गूँथन कर रसकलिकाओं को सहेजती तुम.... 
सदा नव नव सेज विलासों से भरी झूमती रहो....
हे इष्ट अलि !
हे स्वामिनी !
सदा ललित श्रृंगारों की तृषित हो ....तृषित रहना.....
नव नव तृषाओं को गूँथती युगल सहचरी....नव नव तृषाओं को जाती 
बून्द बून्द बरसाती मेरी अली... 
आपके श्रीचरणों में कोटि कोटि नमन वन्दन

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